एक ज़माना था
जब बचपन में
तू मां-बाप के लिए
तोतली ज़बान था
लेकिन अब
तू मां-बाप के लिए
मार्कशीट है
तेरे नम्बर ही
उनकी हार्टबीट है
एक ज़माना था
जब अस्पताल में
तू मरीज़ था
तू ही डॉक्टर का
अज़ीज़ था
लेकिन अब
तू मात्र एक बिल है
तुझसे क़ीमती तो
तेरी किडनी है
दिल है
एक ज़माना था
जब बहन-बेटियों से
गाँव आबाद था
और उनका पति
गाँव भर का
दामाद था
लेकिन अब
वो मात्र लड़की है
उसकी पढ़ाई
और शादी न होना
गाँव की शर्म नहीं
उसके मां-बाप की
कड़की है
एक ज़माना था
जब तेरा काम
दफ़्तर की ज़िम्मेदारी था
बाबू तेरी चाय पीकर ही
आभारी था
लेकिन अब
तू अफ़सर की
फ़ाइल है
और वो अब
जनता का नहीं
पैसे का काइल है
एक ज़माना था
जब तेरे खेत में
सिर्फ़ तेरी दख़ल थी
देश का मतलब ही
तेरे खेत की फ़सल थी
लेकिन अब तू
बिना खेत का
किसान है
तेरा खेत तो
सीमेंट का जंगल है
जिसमें तुझे छोड़
सबका मकान है
एक ज़माना था
जब अज़ान से
तेरी सुबह
और आरती से
शाम थी
भारत के नाम से ही
पहचान तमाम थी
लेकिन अब
तू सिख, ईसाई, हिन्दू
या मुसलमान है
तेरे लिए
अब देश नहीं
तेरा मज़हब ही
महान है