परिचय

आदित्य चौधरी
पूरा नाम आदित्य चौधरी
जन्म 9 दिसंबर, 1961
जन्म भूमि मथुरा, उत्तर प्रदेश, भारत
अभिभावक चौधरी दिगम्बर सिंह और चंद्रकान्ता चौधरी
कर्म-क्षेत्र साहित्य एवं कंप्यूटर जगत
मुख्य रचनाएँ मेरा है वास्ता (वीडियो), जश्न मनाया जाय (वीडियो), दिल को ही सुनाने दो (वीडियो)
भाषा हिन्दी, अंग्रेज़ी
शिक्षा स्नातक
पुरस्कार-उपाधि 'विश्व हिन्दी सम्मान' (2015), ‘भाषा दूत’ पुरस्कार (2016)
विशेष योगदान भारतकोश एवं ब्रजडिस्कवरी की स्थापना
नागरिकता भारतीय
संबंधित लेख भारतकोश प्रस्तुतिकरण, हिंदी दिवस 2013 रेडियो वार्ता (वीडियो), रेडियो वार्ता दुबई, फ़ेसबुक पोस्ट
फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल आदित्य चौधरी
ई-मेल [email protected], [email protected]
अन्य जानकारी वर्ष 2015 में चैतन्य महाप्रभु के वृन्दावन आगमन के पंचशती समारोह के अंतगर्त वृन्दावन शोध संस्थान के सौजन्य से 'चैतन्य हुआ वृन्दावन' नामक नाटक का निर्देशन किया।
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आदित्य चौधरी 'भारतकोश' (www.bharatkosh.org) और 'ब्रजडिस्कवरी' (www.brajdiscovery.org) के संस्थापक एवं प्रधान सम्पादक हैं। स्नातक तक शिक्षा लेने के बाद, विश्व भारत का साहित्य, इतिहास, दर्शन, संस्कृति आदि का अध्ययन किया। अत्याधुनिक तकनीक से विशेष लगाव होने के कारण भारत से संबंधित ज्ञान को कंप्यूटर और इंटरनेट पर लाने के लिए प्रयासरत रहते हैं। दूरदर्शन एवं अन्य चैनलों के अनेक प्रसिद्ध कार्यक्रमों और धारावाहिकों के लेखक एवं रचनात्मक सलाहकार रहे। जैसे- कबीर, फटीचर, काल कोठरी (दूरदर्शन धारावाहिक), महायज्ञ (सोनी टी.वी. धारावाहिक), गुलाबड़ी (दूरदर्शन टेलीफ़िल्म) आदि। वर्ष 2015 में चैतन्य महाप्रभु के वृन्दावन आगमन के पंचशती समारोह के अंतगर्त वृन्दावन शोध संस्थान के सौजन्य से 'चैतन्य हुआ वृन्दावन' नामक नाटक का निर्देशन किया। सन् 2000 से लगातार छात्रों को नि:शुल्क कंप्यूटर शिक्षा, विभिन्न सॉफ़्टवेयर का ज्ञान और हिन्दी टाइपिंग (देवनागरी यूनीकोड) आदि की शिक्षा दे रहे हैं।

भारतकोश की स्थापना

वर्ष 2006 से भारतकोश का निर्माण कार्य प्रारम्भ किया। वर्ष 2008 में ब्रज क्षेत्र का समग्र ज्ञानकोश (इंसाइक्लोपीडिया) 'ब्रजडिस्कवरी' (www.brajdiscovery.org) का ऑनलाइन प्रकाशन किया। वर्ष 2010 में भारत का समग्र ज्ञानकोश (एंसाइक्लोपीडिया) 'भारतकोश' (www.bharatkosh.org) की ऑनलाइन वेबसाइट शुरू की। इसके बाद से भारतकोश की परिकल्पना, संपादन, प्रोग्रामिंग, संकलन आदि में कार्यरत रहते हैं।

सम्मान एवं पुरस्कार

भारत सरकार द्वारा देश विदेश में हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए विभिन्न आमंत्रण मिलते रहे।

  • मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वाधान में अखिल भारतीय राजभाषा संगोष्ठी, पणजी, गोवा में हिन्दी दिवस पर आई.आई.टी के शिक्षकों के समक्ष भारतकोश का प्रस्तुतिकरण एवं तकनीकी प्रशिक्षण दिया।
  • विदेश मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित, विदेश में रेडियो वार्ताओं में भाग लिया।
  • केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, मानव संसाधन मंत्रालय भारत सरकार के इंटरनेट हिन्दी संबंधी तकनीकी सलाहकार हैं।
  • दसवें विश्व हिन्दी सम्मेलन में भारत के माननीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने 12 सितम्बर, 2015 को 'विश्व हिन्दी सम्मान' से सम्मानित किया।
  • सितंबर, 2016 में हिंदी अकादमी, दिल्ली की ओर से हिंदी दिवस पर डिजिटल दुनिया में हिंदी भाषा व साहित्य के क्षेत्र में प्रसार व उत्कृष्ट कार्य के लिए ‘भाषा दूत’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
  • 26-27 अक्टूबर 2016 को रूस में आयोजित अंतरराष्ट्रीय हिन्दी सम्मेलन, मॉस्को में भाग लिया।

भारतकोश

भारतकोश, भारत का एक निष्पक्ष, समग्र ज्ञानकोश है। भारतकोश, 'देवनागरी हिन्दी यूनीकोड' में है। यह प्रथम, अनूठा और सफल प्रयास है। यह पूर्णत: अव्यावसायिक, शैक्षिक एवं अलाभकारी मिशन है। भारतकोश सर्वधर्म समभाव, सर्वजाति समभाव और सर्वजन हिताय भाव से अहर्निश प्रगतिशील है। भारतकोश को कोई आर्थिक सहायता प्राप्त नहीं है। भारतकोश पर 30 मार्च, 2018 तक देखे गये कुल पृष्ठ- 30,23,07,384; कुल लेख- 49,918 और कुल चित्र- 16,178 हैं। भारतकोश पर गणराज्य, इतिहास, भूगोल, जीवनी, दर्शन, साहित्य, धर्म, संस्कृति, कला, पर्यटन, भाषा, विज्ञान, खेल आदि विभिन्न विषयों के 16 सबपोर्टल (प्रांगण) हैं। भारतकोश पर छात्रों एवं प्रतियोगी परीक्षार्थियों के लिए आधुनिक तकनीक के साथ दी गई 'सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी', इंटरनेट पर सर्वाधिक लोकप्रिय है।

ब्रजडिस्कवरी

ब्रजडिस्कवरी, ब्रज का समग्र ज्ञानकोश होने के साथ-साथ सैकड़ों शिक्षार्थियों को कंप्यूटर ज्ञान देने का साधन भी बना और साथ ही हिंदी यूनिकोड शिक्षा का प्रचार-प्रसार भी हुआ। ब्रजडिस्कवरी ‘देवनागरी हिंदी यूनिकोड’ में है। ब्रजडिस्कवरी पर अक्टूबर, 2016 तक लगभग 8 हजार बेव पृष्ठ, लगभग 4 हज़ार लेख, लगभग 7 सौ चित्र है। यह अक्टूबर, 2016 तक 80 लाख पाठकों द्वारा विश्व भर में देखा जा चुका है।





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