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ये जो मिरी आंखों में -आदित्य चौधरी

ये जो मिरी आंखों में तैरता हुआ पानी है,
कुछ और नहीं
तुझसे मेरे रिश्ते की कहानी है
पैंतीस साल होने को आ रहे हैं
कुछ दिन बाद
अपनी शादी को
मगर लगता है कि
तेरे मेरे बीच
आज भी वही गर्माहट
और रवानी है
कौन कहता है कि
ख़ूब निबाहा है हमने ?
निबाहा तो बिल्कुल नहीं...
हमें तो ज़िन्दगी साथ-साथ
यूँ ही जीते जानी है...

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